चंडीगढ़ में आवारा कुत्तों के काटने के मामलों पर प्रशासन का बड़ा कदम
चंडीगढ़ में कुत्तों के काटने के मामलों में तेजी देखी जा रही है। सिर्फ दो दिनों में 100 से अधिक मामले दर्ज किए गए, जिनमें से 81 पीड़ितों को मुआवजा देने की सिफारिश की गई है। शहर में प्रतिदिन औसतन 50 से अधिक ऐसे मामले सामने आ रहे हैं।
मुआवजा समिति की बैठक
बुधवार को “आवारा जानवरों या कुत्तों के काटने से हुए हादसों के पीड़ितों के मुआवजे” पर बनी उप-समिति की बैठक आयोजित की गई। इसमें 116 मामलों की समीक्षा की गई, जिनमें से 81 को मुआवजे के लिए स्वीकृत किया गया। शेष मामले सत्यापन के अधीन हैं।
बैठक की अध्यक्षता उपायुक्त और समिति के अध्यक्ष निशांत कुमार यादव ने की। इस दौरान नगर निगम के संयुक्त आयुक्त, गवर्नमेंट मल्टी-स्पेशलिटी अस्पताल (सेक्टर 16) के मेडिकल सुपरिटेंडेंट, सहायक पुलिस अधीक्षक, यातायात निरीक्षक और डॉग कंट्रोल सेल के नोडल अधिकारी उपस्थित रहे।
प्रभावी नीतियों का क्रियान्वयन
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि बाकी मामलों का सत्यापन पूरा होते ही उन्हें भी समीक्षा के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। यादव ने सभी विभागों को निर्देश दिया कि मुआवजे से संबंधित मामलों को उपायुक्त कार्यालय या नगर निगम को शीघ्रता से भेजा जाए।
मुआवजा नीति के प्रावधान
चंडीगढ़ प्रशासन ने 2 जुलाई की अधिसूचना और पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय के निर्देशों के तहत यह नीति लागू की है।
- मृत्यु के मामलों में: मृतक के कानूनी उत्तराधिकारियों को ₹5 लाख मुआवजा मिलेगा।
- स्थायी विकलांगता: चिकित्सा प्रमाण पत्र के आधार पर ₹2 लाख मुआवजे का प्रावधान है।
- सामान्य चोटें: प्रत्येक मामले की गंभीरता के अनुसार मुआवजा तय किया जाएगा, जो अधिकतम ₹2 लाख तक हो सकता है।
विशेष रूप से कुत्तों के काटने के लिए:
- प्रत्येक दांत के निशान पर न्यूनतम ₹10,000 मुआवजा।
- त्वचा से मांस हटने पर हर 0.2 सेमी घाव के लिए ₹20,000 तक का मुआवजा, जो अधिकतम ₹2 लाख तक सीमित होगा।
दस्तावेज़ीकरण की आवश्यकता
मृत्यु, विकलांगता, और चोटों के लिए संबंधित प्रमाणपत्र, मेडिकल रिपोर्ट और FIR/DDR की आवश्यकता होगी।
यह नीति न केवल पीड़ितों को राहत प्रदान करने का प्रयास है, बल्कि यह शहर में आवारा जानवरों की समस्या को नियंत्रित करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। ऐसी पहलें चंडीगढ़ को सुरक्षित और जिम्मेदार शहर बनाने में मदद करेंगी।
कुत्ते प्रेमियों का दावा:
हालाँकि, कुत्ते प्रेमियों का दावा है कि कुत्तों के प्रति क्रूरता शहर में कुत्तों के काटने का एक प्रमुख कारण है!
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